बारिश में भीगने का मज़ा तुम भी लो सनम
खोलकर दर-ए-दिल ठंडी हवा तुम भी लो सनम
सीरप मैं पी रहा हूँ,अश्कों का प्यार में
इस रोग से बचने की दवा तुम भी लो सनम
जिस दिल में दर्द ना हो, वहां प्यार भी नहीं
दिल दर्द से भरे जो गिज़ा तुम भी लो सनम
न नाम-ओ-निशान हो जहाँ अँधेरे का कहीं
सूरज के न ढलने का पता तुम भी लो सनम
महशर में भी निजात मिलेगी हंसी-ख़ुशी
दुनिया में बुजुर्गों की दुआ तुम भी लो सनम
"लुत्फ़ी"को होश ना रहा दुनिया-जहान का
लाये न होश जो,वो दवा तुम भी लो सनम.............
खोलकर दर-ए-दिल ठंडी हवा तुम भी लो सनम
सीरप मैं पी रहा हूँ,अश्कों का प्यार में
इस रोग से बचने की दवा तुम भी लो सनम
जिस दिल में दर्द ना हो, वहां प्यार भी नहीं
दिल दर्द से भरे जो गिज़ा तुम भी लो सनम
न नाम-ओ-निशान हो जहाँ अँधेरे का कहीं
सूरज के न ढलने का पता तुम भी लो सनम
महशर में भी निजात मिलेगी हंसी-ख़ुशी
दुनिया में बुजुर्गों की दुआ तुम भी लो सनम
"लुत्फ़ी"को होश ना रहा दुनिया-जहान का
लाये न होश जो,वो दवा तुम भी लो सनम.............
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"जिस दिल में दर्द ना हो, वहां प्यार भी नहीं
दिल दर्द से भरे जो गिज़ा तुम भी लो सनम
न नाम-ओ-निशान हो जहाँ अँधेरे का कहीं
सूरज के न ढलने का पता तुम भी लो सनम
महशर में भी निजात मिलेगी हंसी-ख़ुशी
दुनिया में बुजुर्गों की दुआ तुम भी लो सनम"
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