मेरा दम ही निकल जाएगा
तू कहीं गर बदल जाएगा
प्यार हद से बढाओगे तो
संगदिल भी पिघल जाएगा
मेरी यादों में खो कर तो देख
तेरा दिल भी बहल जाएगा
राह-ए-उल्फत में जल्दी न कर
पग लुढकते फिसल जाएगा
हिज्र है हश्र मेरे लिए
तेरा दिल तो सम्भल जाएगा
ख़्वाब में गर तू आएगा तो
मिलने को दिल मचल जाएगा
प्यार सच्चा हो तो"लुत्फ़ी"जी
आग को भी निगल जाएगा...........
तू कहीं गर बदल जाएगा
प्यार हद से बढाओगे तो
संगदिल भी पिघल जाएगा
मेरी यादों में खो कर तो देख
तेरा दिल भी बहल जाएगा
राह-ए-उल्फत में जल्दी न कर
पग लुढकते फिसल जाएगा
हिज्र है हश्र मेरे लिए
तेरा दिल तो सम्भल जाएगा
ख़्वाब में गर तू आएगा तो
मिलने को दिल मचल जाएगा
प्यार सच्चा हो तो"लुत्फ़ी"जी
आग को भी निगल जाएगा...........
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