सब्र भी अब करूँ किस तरह
तू बता दे जियूं किस तरह
बिन तेरे जीना मुश्किल है अब
ये बता दे मरूं किस तरह
अब न लागे ख़ुदा से भी डर
तू बता दे डरूँ किस तरह
प्यार करना बड़ा जुर्म है
जुर्म से इस बचूं किस तरह
ईश्क़ में दिल हुआ ला पता
हाल-ए-दिल मैं कहूँ किस तरह
दर्द तूने दिया ला दवा
दर्द-ए--दिल अब सहूँ किस तरह
तुमने होटों को वा कर दिये
जाम-ए-लब मैं पियूँ किस तरह
"लुत्फ़ी"जब ना बचा ईश्क़ से
ईश्क़ से मैं बचूं किस तरह..............................
तू बता दे जियूं किस तरह
बिन तेरे जीना मुश्किल है अब
ये बता दे मरूं किस तरह
अब न लागे ख़ुदा से भी डर
तू बता दे डरूँ किस तरह
प्यार करना बड़ा जुर्म है
जुर्म से इस बचूं किस तरह
ईश्क़ में दिल हुआ ला पता
हाल-ए-दिल मैं कहूँ किस तरह
दर्द तूने दिया ला दवा
दर्द-ए--दिल अब सहूँ किस तरह
तुमने होटों को वा कर दिये
जाम-ए-लब मैं पियूँ किस तरह
"लुत्फ़ी"जब ना बचा ईश्क़ से
ईश्क़ से मैं बचूं किस तरह..............................
1 comments:
लाजवाब
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