Saturday, January 8, 2011

तुम दिल हो, जाँ हो मेरे,सांसों में समा जाओ.............

आओ तुम पास मेरे,सांसों में समा जाओ
बैठो तुम पास मेरे,सांसों में समा जाओ

ना दिल का पता मेरे,ना मन का ठिकाना है
मेरा सब है पास तेरे,सांसों में समा जाओ

ना तुम से जुदा हूँ मैं,ना मुझ से अलग हो तुम
रम जाओ मन में मेरे,सांसों में समा जाओ

तुम ही मेरे लब की हंसी,तुम ही मेरे दिल की ख़ुशी
तुम दिल हो, जाँ हो मेरे,सांसों में समा जाओ

जब मेरी ज़रूरत हो,तुम दिल से बुलाना मुझे
हर लमहा हूँ पास तेरे,सांसों में समा जाओ

ना होश रहा मुझ में,ना कुछ भी याद रहा
मैं बस में नहीं हूँ मेरे,सांसों में समा जाओ

ना तुम शर्माना कभी,ना तुम घबराना  कभी
"लुत्फी"है साथ तेरे,सांसों में समा जाओ.........................

1 comments:

आपका अख्तर खान अकेला said...

bhu behtrin gzl he bhut khub mubark h. akhtar khan akela kota rajsthan

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