Wednesday, January 26, 2011

देखता है जो बच्चे को रोते हुए .................

देख कर आपको दिल मचल जाता है 
आपकी यादों से दिल बहल जाता है

देख ले तेरी सूरत को जो बादा कश 
गिरते-गिरते नशे में सम्भल जाता है

लाख चाहें, तो भी, भूल पाते नहीं 
नाम तेरा जिगर से निकल आता है

जब कोई बात दिल में खटक जाती है
अश्क़ आँखों से आख़िर उछल आता है

लौटकर फिर कभी पास आता नहीं
वक़्त जब हाथ से यूँ निकल जाता है

देखता है जो बच्चे को रोते हुए 
चाहे पत्थर हो दिल,वो पिघल जाता है

प्यार का जब नशा चढ़ता है आँखों पर 
गिरते-पड़ते भी"लुत्फ़ी"सम्भल जाता है...................... 

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