Thursday, October 14, 2010

SHER HO SHER KA.......................

दिल की धड़कन का ऐतबार करो
हम तुम्हारे हैं,हम से प्यार करो


ग़लतियाँ आदमी से होती हैं
हर क़दम खुद को होशियार करो


तुम ग़रीबों पे ज़ुल्म करते हो!
शेर हो, शेर का शिकार करो 


मेरा दामन है दाग़दार बहुत
बेगुनाहों में ना शुमार करो


बावफा जो तुम्हें लगें लुत्फी
 हश्र तक उनका इंतज़ार करो.
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