Friday, August 5, 2011

धड़कनों का धड़कना तुम्हीं..........


धड़कनों का धड़कना तुम्हीं
और सांसों का चलना तुम्हीं

            दरिया की लहरों में तू,तू ही घटाओं में 
            बारिश की बूंदों में तू,तू ही पहाड़ों में
            बुलबुलों का चहकना तुम्हीं
            धड़कनों का धड़कना तुम्हीं 

महलों के जगमग में तू,झोंपड़ की स्याही में
सब की ख़ुशी में तू ही,तू ही तबाही में
खंडरों का वीराना तुम्हीं
धड़कनों का धड़कना तुम्हीं

             सब के ख़यालों में तू,तू ही दुवाओं में
             दिन-धरम में तू ही,तू ही किताबों में
             आयतों का महकना तुम्हीं
             धड़कनों का धड़कना तुम्हीं

तू ही अज़ानों में है,शंख की तानों में
गुरु-ग्रन्थ साहिब में तू,बाइबिल के पन्नों में
हर धरम का पनपना तुम्हीं
धड़कनों का धड़कना तुम्हीं.......................
             

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