इस कहानी को क्या नाम दूँ
मैं जवानी को क्या नाम दूँ
गर हसीं हो तो कह दूँ कँवल
बदगुमानी को क्या नाम दूँ
धुप लगती नहीं जेठ में
रुत सुहानी को क्या नाम दूँ
छुप के मिलते थे जिस छत पे उस
छत पुरानी को क्या नाम दूँ
नाम दिवाने का लुत्फी है
तुझ दिवानी को क्या नाम दूँ.
Wednesday, September 29, 2010
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