Saturday, July 23, 2011

दुश्मनों से भी मिलते रहो.................

वक़्त के साथ चलते रहो
रंग-ए-दुनिया में ढलते रहो

हिज्र में जल के देखा किया
वस्ल में भी तो जलते रहो


बुझना है मौत सा दोस्तो
जुगनुओं सा ही जलते रहो


गर रुकोगे तो रह जाओगे
साँस जब तक है चलते रहो


दुश्मनी ज़िंदा  रखनी हो तो
दुश्मनों से भी मिलते रहो

ज़िन्दगी तो है काँटों भरा
फूल सा हंस के खिलते रहो

लौट कर वक़्त आता नहीं
फिर भले हाथ मलते रहो...............................

जानेजां मैं तेरा हूँ सनम.................................

जानेजां मैं तेरा हूँ सनम
तुझको पाना है जन्मोजनम

लाखों जतन से मैंने तेरा प्यार पाया
तेरे प्यार ने ही मुझको जीना सिखाया
है तेरा प्यार सब कुछ सनम 
तुझको पाना है...................................

तेरी अदाएं चमेली की हैं  खुशबु
तेरे लबों की लाली दिखती है हर सू
तेरी बोली है मखमल नरम
तुझको पाना है............................

ईश्क़ करता हूँ तुझसे करता रहूँगा
दुल्हन बनेगी तू ही,मैं दूल्हा बनूँगा
है ख़ुदा का हमीं पे करम
तुझको पाना है..................................