2. ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।
नफ़रत करो न यूँ किसी पे वार करो तुम।
ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।।
अपने लिये ही जीना कोई जीना नहीं है ,
जो ख़ुद तलक ही सिमटा रहे इन्सां नहीं है,
सबकी भलाई के लिए उपकार करो तुम।
ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।
इंसानियत के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार ,
ख़ुद को बुराई से तू बचाना ऐ मेरे यार!
जो प्यार से मिले उसे स्वीकार करो तुम।
ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।
इज्ज़त वतन की तुम से है ये भूल न जाना ,
गर वक़्त पड़े इसके लिए सर को कटाना ,
जो ख़ून के प्यासे हैं उन पे वार करो तुम,
ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।
जनम से कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं है,
इनमें करे जो भेद वो इंसान नहीं है ,
इंसानियत का सब से ही इज़हार करो तुम,
ग़ैरों के दोस्त बन के उन्हें प्यार करो तुम।
लुत्फ़ी कैमूरी
Territorry Sales Manager
Britannia Industries Limited